*दुर्गोत्सव पर्व हर्षोल्लास एवं सौहाद्रपूर्वक मनाये जाने हेतु पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सम्पत उपाध्याय द्वारा ली गयी बैठक, दिये व्यवस्था के सम्बंध मे निर्देश*
दुर्गेात्सव पर्व के दौरान चल समारोह, जुलूस, भण्डारे, रावण दहन, विसर्जन को दृष्टिगत रखते हुये आज दिनॉक 27-9-25 को कन्ट्रोलरूम में पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सम्पत उपाध्याय (भा.पु.से.) द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर श्री आयुष गुप्ता (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोन-2 सुश्री पल्लवी शुक्ला,, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) सुश्री अंजना तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री जितेन्द्र सिंह, की उपस्थिति में राजपत्रित अधिकारियो एवं थाना प्रभारियों की बैठक ली गयी।
आपने कहा कि आने वाले 8-10 दिन कानून व्यवस्था की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, सप्तमी, अष्टमी एवं नवमीं को शाम से ही श्रृद्धालु शहर में जगह जगह सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित दुर्गा जी की प्रतिमाओं के दर्शन हेतु अधिक संख्या में निकलेंगे है जिसकोे लेकर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
सभी थाना प्रभारी थाना क्षेत्र में बने रहे तथा थाने में तैनात बल का अधिक से अधिक बल दशहरा पर्व समाप्ति तक ड्यूटी पर तैनात रहेगा। थाने मे पदस्थ सभी अधिकारी/कर्मचारियो का मोबाईल नम्बर एवं कहॉ रहते है कि जानकारी थाने में आवश्यक रूप से रखें, ताकि ड्यूटी पश्चात भी विशेष आवश्यकता पडने पर उन्हे बुलाया जा सके।
पंजाबी दशहरा, मुख्य चल समारोह एवं उपनगरीय क्षेत्रों में होने वाले चल समारोह के सम्बंध में चर्चा करते हुये समारोह के दौरान शांति एंव सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने हेतु निर्देशित करते हुये कहा कि आवागमन में किसी भी प्रकार की कोई बाधा नहीं होना चाहिये एैसे स्थान जहॉ पर श्रद्धालुओ की अधिक भीड होने से आवागमन बाधित हो सकता है एैसे स्थानो केा चिन्हित कर वहॉ पूर्व से ही आवश्यकतानुसार बैरिकेटिंग स्ॅटापर आदि की व्यवस्था कर लें ताकि आवश्यकता पडने पर तत्काल यातायात को डायवर्ट किया जा सके।
इसी प्रकार मुख्य चल समारोह मार्ग पर जगह जगह स्वागत मंच बनाये जाते हैं, जिनके द्वारा आने वाली प्रतिमाओं का स्वागत करते हुये पूजन करते है, साथ ही बैंड की धुन पर डांस करने लगते है जिससे काफी विलंब होता है, स्वागत मंच लगाने वालो से चर्चा कर ले स्वागत मंच के सामने जुलूस को ज्यादा देर तक न रोकें, झांकी एंव बैंड का वर्णन करते हुये भीड को नियंत्रित करें ताकि पर्व की गरिमा एंव मर्यादा बनी रहे।
प्रायः देखा गया है कि चल समारोह मे जो बेैंड पार्टियॉ रहती है, स्वागत मंच के सामने खडे होकर अपने प्रचार प्रसार हेतु धुन बजाते है जिससे अनावश्यक विलंम्ब होता है, अतः मंच के सामने उतनी ही देर रूकें जितनी देर में प्रतिमा का पूजन होता है, अनावश्यक खडे होकर धुन न बजायें। चल समारोह के मुख्य मार्ग से लगे हुये बडे भवनो को भी चैक करा लिया जावे ।
जगह-जगह भण्डारो का आयोजन किया जायेगा, भण्डारे का आयोजन एैसे स्थान पर किया जाये जहॉ से यातायात बाधित न हो रहा हो, तथा उस स्थान के आसपास आवश्यकता अनुरूप वाहनो की पार्किग व्यवस्था हो। प्रायः देखा गया है कि रोड किनारे भण्डारा करने से यातायात बाधित होता है जिससे आम नागरिकों को आवागमन मे असुविधा होती है।
विसर्जन स्थलों के संबध मे विसर्जन घाटो की साफ सफाई, विसर्जन स्थल तक पहुच मार्ग का दुरूस्तीकरण , पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, नाविको की व्यवस्था , विसर्जन स्थल पर पार्किंग व्यवस्था यथा सम्भव सम्बंिधत विभाग से संपर्क कर त्वरित निराकरण कराना सुनिश्चित करा लें ताकि विसर्जन के दिन किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो
विसर्जन घाट पर नाव, लाईव जैकिट, टायर के ट्यूब, हवा भरवाकर, रस्सा, बडे बांस, ड्रैगन टार्च, तैराक की उपस्थिति सुनिश्चित की जाये, साथ ही प्रतिमाओं को जो लोग विसर्जित करने के लिये ले जायेंगे वो लोग विसर्जन घाट पर कहॉ तक जायेंगे, बैरिकेटिंग कराकर सुनिश्चित किया जाये, एवं लगातार विसर्जन घाट पर सावधानी बरतने हेतु एनाउंसमेंट कराया जाये। विसर्जन हेतु जाने के दौरान एैसी प्रतिमायें जिसमें 100-150 की संख्या में लोग हैं अवश्यकतानुसार पुलिस अधिकारी/कर्मचारी की ड्यूटी ब्रीफ कर लगायी जाये जो मेनपैक वायरलैस सैट के साथ रहेगा, एवं विसर्जन घाट तक साथ मे जायेगा, किसी भी प्रकार का कोई विवाद होने पर तत्काल कन्ट्रोलरूम को सूचित करेगा।