*पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री आदित्य प्रताप सिंह ने जिले में पदस्थ समस्त राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों की ली अपराध समीक्षा बैठक*

*👉 कहा कि आपकी कार्यवाही निश्पक्ष होना चाहिये, आपकी कार्यवाही से आम नागरिकों में हो पुलिस के प्रति सुरक्षा का भाव तथा असमाजिक तत्वों/गुण्डे बदमाशों में हो पुलिस का खौफ*

*👉 आपने लंबित गम्भीर अपराध/गैर म्यादी वारंट/सी.एम. हैल्प लाईन, अपराधियों के विरूद्ध की गयी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही आदि की समीक्षा करते हुये कार्यवाही के सम्बंध में दिये आवश्यक दिशा निर्देश*

आज दिनॉक 31-5-24 को पुलिस कंट्रोलरूम जबलपुर में पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री आदित्य प्रताप सिंह (भा.पु.से.) के द्वारा अपराध समीक्षा बैठक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर सुश्री सोनाक्षी सक्सेना (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री समर वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप कुमार शेण्डे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सूर्यकांत शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमति सोनाली दुबे की उपस्थिति में ली गई। बैठक में FSL डॉ नीता जैन व जिले में पदस्थ समस्त राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी शहर एवं देहात तथा चौकी प्रभारी उपस्थित रहे।

पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री आदित्य प्रताप सिंह (भा.पु.से.) द्वारा बैठक में सर्वप्रथम आपने थानो में लंबित गम्भीर अपराध – हत्या, हत्या का प्रयास, लूट आदि के 1-1 अपराध की समीक्षा की एवं थाना प्रभारियों से उक्त प्रकरण के लंबित होने का कारण जाना तथा निकाल के सम्बंध मे आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

चिन्हित गम्भीर अपराध में हर हाल में आरोपी को उसके किये की सजा होनी चाहिये, इस हेतु विवेचना मे किसी भी प्रकार की कोई ,त्रुटि न हो इसका ध्यान रखें। एफआईआर से लेकर , गिरफ्तारी, चालान ही मुख्य कार्यवाही नहीं है, प्रकरण के विचारण के दौरान फालोअप करते हुये अपराधी को सजा दिलायें। चालानी कार्यवाही के दौरान आरोपी की पहचान हेतु उसका वोटर आईडी/ड्राईविंग लायसेंस/पैनकार्ड आवयश्क रूप से लगाया जाना सुंनिश्चित करें।

पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध लंबित विभागीय जांच के प्रकरणों मे भी समय-सीमा निर्धारित कर उनका निराकरण करने के निर्देश दिए गए।

माननीय उच्च न्यायालय से प्राप्त नोटिस/समंस/वारंट की तामीली हेतु टीम बनाकर समय पर तामीली करायें।

सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा करते हुये कहा कि चिन्हित किये गये ब्लैक स्पॉट में हो रही सड़क दुर्घटनाओं के कारण एवं उनके निदान के लिए किये जाने वाले सुधारात्मक उपाय के संबंध में संबंधित रोड एजेंसियों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर संबंधित रोड एजेंसीज, संबंधित थाना प्रभारी, यातायात पुलिस अधिकारी ब्लैक स्पॉट एवं थाना के अन्य दुर्घटनाजन्य स्थानों का संयुक्त निरीक्षण करते हुये हो रही सडक दुर्घटनाओं के कारण का पता कर उनके निदान हेतु चिन्हित किये गये ब्लैक स्पॉट पर आवश्यकतानुसार रंबल स्ट्रिप, स्पीड ब्रेकर, संकेतक बोर्ड एवं सूचना बोर्ड लगवाये ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सके।

थाने में कोई पीडित अपने आपको असहाय समझ कर आता है, उसकी अपेक्षा होती है कि जो भी कानूनी प्रावधानो के तहत कार्यवाही बनती है की जाये, आपका भी दायित्व बनाता है कि उसे सौहाद्रपूर्ण माहौल दें तथा पीडित की समस्या को ध्यान से शाीलीनता पूर्वक सुनें और तत्काल विधिसम्मत कार्यवाही करते हुये उसे राहत पहुंचायें ।

लंबित धारा 363 भादवि के प्रकरण में अपहृत अवयस्क बालक/बालिकाओं की हर सम्भव प्रयास कर दस्तयाबी हेतु निर्देशित करते हुये घटित हुये सम्पत्ति संबंधी अपराधों में चोरी गई सम्पत्ति की बरामदगी के हर सम्भव प्रयास करें इस हेतु पूर्व में पकड़े गये एवं जेल से रिहा हुये सम्पत्ति सम्बंधी अपराधियों से पूछताछ करते हुये उनकी गुजर बसर की जांच करें।
एैसे आरोपी जो लंबे समय से फरार है, उनकी सम्पत्ति कुर्क हेतु उनके विरूद्ध नियमानुसार 82, 83 जाफौ के तहत कार्यवाही की जाये, साथ ही सहयोगी एवं आश्रय देने वाले के विरूद्ध 212, 216 आईपीसी के तहत भी कार्यवाही की जाये।

लंबित सी.एम. हैल्प लाईन की शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर त्वरित संतुष्टीपूर्ण निकाल करें। साथ ही सी.सी.टी.एन.एस. में सभी प्रकार की प्रविष्टियों को एवं रोड एक्सिडेंट के प्रकरणों का डाटा ‘‘आई रेड एप’’ (इंटीग्रेटिड रोड एक्सिडेंट डाटाबेस) में समय का विशेष ध्यान रखते हुये अपलोड करें।

लंबित एस.सी./एस.टी. के प्रकरणों की आपके द्वारा समीक्षा करते हुये निकाल के सम्बंध मे आवश्यक दिशा निर्देश दिये तथा आदेशित किया कि पीड़ित को तत्काल राहत राशि दिलाई जाये।

173 (8) एवं 299 जा.फौ. के प्रकरणों में फरार चल रहे आरोपी की पतासाजी करते हुये शीघ्र गिरफ्तारी करते हुए प्रकरणों का प्राथमिकता के आधार पर निकाल करायें ।

साधारण मारपीट, आबकारी एक्ट, आर्म्स एक्ट, जुआ, सट्टा आदि के प्रकरणों का 15 दिवस के अंदर नियमानुसार क़ानूनी कार्यवाही पूर्ण कर माननीय न्यायालय में चालान पेश करायें, कोई भी प्रकरण बिना वजह लंबित नही होना चाहिये।

इसके साथ ही आपने त्रिवार्षिक तुलनात्मक प्रतिबंधात्मक कार्यवाही (107/116 जाफो, 110 जा.फौ, जिला बदर, एन.एस.ए.) एवं माईनर एक्ट (जुआ-सट्टा, आर्म्स एक्ट, आबकारी एक्ट, ) की विस्तार से समीक्षा करते हुये आदेशित किया कि शाम की गणना के पश्चात अधिक से अधिक बल के साथ थाना क्षेत्र के अपराध संभावित क्षेत्र एवं पूर्व में जहॉ पर चेन/मोबाईल स्नेचिंग एवं चाकू बाजी की घटनायें हुई है तथा एैसे सार्वजनिक स्थान जहॉ पर शराबखोरी होती है प्रभावी पैट्रोलिंग करें ।

एैसे आसमाजिक तत्व जिनके सम्बंध मे जरा भी अन्देशा है कि वे अशांति का वातावरण निर्मित कर सकते है चिन्हित करते हुये उनके विरूद्ध उनके अपराधिक रिकार्ड को दृष्टिगत रखते हुये प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाये।
शासकीय वाहनो में बलवा ड्रिल सामाग्री, टियर गैस, टार्च, वीडियो कैमरा, लाउड हेलर आवश्यक रूप से रखे, वाहन का पीए एवं सायरन सिस्टम चालू हालत मे हो यह सुनिश्चित करें। छोटी सी घटना की जानकारी भी लगती है तो तत्काल मौके पर पहुंचकर वैधानिक कार्यवाही करें, हमारी कार्यवाही निश्पक्ष होना चाहिये हमारा प्रमुख उद्देश्य शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखना है इसमे किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं होना चाहिये। आपकी कार्यवाही से आम नागरिकों में पुलिस के प्रति सुरक्षा का भाव हो तथा असमाजिक तत्वों/गुण्डे बदमाशों में पुलिस का खौफ होना चाहिये।

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