पुलिस कन्ट्रोलरूम जबलपुर में आज दिनॉक 29-3-23 केा शाम 6 बजे  नवागत   पुलिस अधीक्षक जबलपुर  श्री टी.के. विद्यार्थी (भा.पु.से.) द्वारा जिला डीपीओ/एडीपीओ तथा राजपत्रित अधिकारियों एवं मान्नीय न्यायालयो ंमे कार्यरत कोर्ट मोहर्रिरों की बैठक ली गयी।  
      बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर श्रीमती प्रियंका शुक्ला (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर दक्षिण श्री संजय अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री शिवेश सिंह बघेल,  एवं डीपीओ श्री अजय जैन तथा नगर पुलिस अधीक्षक  कोतवाली श्री प्रभात शुक्ला, नगर पुलिस अधीक्षक  ओमती श्री आर.डी. भारद्वाज, नगर पुलिस अधीक्षक रांझी श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह ,नगर पुलिस अधीक्षक गोहलपुर श्री अखिलेश गौर, नगर पुलिस अधीक्षक  गोरखपुर सुश्री प्रतिष्ठा राठौर, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री तुषार सिंह , उप पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्रीमति अपूर्वा किलेदार, उप पुलिस अधीक्षक  कानून व्यवस्था श्रीमती अंकिता खातरकर तथा एडीपीओ उपस्थित रहे।
      नवागत पुलिस अधीक्षक जबलपुर  श्री टी.के. विद्यार्थी (भा.पु.से.) ने सभी ए.डी.पी.ओ. से परिचय प्राप्त करते हुये मान्नीय न्यायालय में विचाराधीन  कितने प्रकरणों की पैरवी कर रहे हैं के सम्बंध में जानकारी लेते हुये अपनी प्राथमिकतायें बताते हुये कहा कि सम्पत्ति सम्बंधी अपराधों में, फायर आर्म्स एवं आर्म्स एक्ट के प्रकरणों में तथा नशीले पदार्थो अर्थात एनडीपीएस एक्ट, जहरीली शराब, नशीले इंजैक्शन, तथा पाक्सो एक्ट के प्रकरणों में पकडे गये अपराधियों को हर हाल में सजा हो, एैसे अपराधियों को यदि आप सशक्त एवं सारगर्भित पैरवी करते हुये सजा दिलाते है तो निश्चित की क्राईम कंट्रोल में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। एैसे प्रकरण में जिनमें अपराधी को मान्नीय न्यायालय द्वारा दण्डित किया जावेगा, सम्बंधित कोर्ट मोहर्रिर को नगद पुरूस्कार से एवं पैरवी करने वाले  शासकीय अधिवक्तागणों को मेरे द्वारा प्रशस्ति पत्र से पुरूस्कृत किया जावेगा।
         इसके साथ ही आपके द्वारा सभी कोर्ट मोहर्रिर को निर्देशित किया गया कि मान्नीय न्यायालय में कानून व्यवस्था बनाये रखते हुये साक्षियों की सुरक्षा, एवं अभियुक्त की अभिरक्षा सुनिश्चित करें। थानों मे लंबित स्थाई वारंटो के प्रकरणो की फाईल निकलवाकर जमानतदारों के नाम पते, की जानकारी सम्बंधित थानेा को उपलब्ध करायें ताकि जमानतदारो के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जा सके। प्रकरण के अंतिम निर्णय पश्चात् मान्नीय न्यायालय के द्वारा भेजी जाने वाली परिणाम पर्ची जिला अभियोजन अधिकारी के माध्यम से सम्बंधित थाने मे उपलब्ध कराये। यदि आप अपना कार्य जैसे समंस वारंट जारी करना, सजकता से करेंगे तो निश्चित ही संमस वारंट के तामीली के प्रतिशत में बढेातरी होगी, अक्सर अधूरे नाम पता के कारण संमस वारंट की तामीली मे दिक्कतें आती है, समंस वारंट जारी करते समय पूरा नाम पता आवश्यक रूप से लिखें, साथ ही जमानतदारों के नाम पता भी लिखें।