घरेलू हिंसा एवं महिला संबंधी अपराधों के प्रति पुलिस अधिकारियों को अधिक संवेदनशील बनाने के लिये एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

👉 पुलिस उप महानिरीक्षक जबलपुर रेंज, जबलपुर श्री तुषार कान्त विद्यार्थी ने किया शुभारंभ

पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री आदित्य प्रताप सिंह (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में दिनांक 07.03.2024 को पुलिस कन्ट्रोलरूम जबलपुर में घरेलू हिंसा एवं महिला संबंधी अपराधों से पीड़ित महिलाओ/बालिकाओ के मानसिक स्वास्थ्य काउंसिलिंग विषय पर जिला जबलपुर व कटनी में पदस्थ महिला हेल्प डेस्क अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ पुलिस उप महानिरीक्षक जबलपुर रेंज, जबलपुर श्री तुषार कान्त विद्यार्थी (भा.पु.से.) द्वारा जिला विधिक प्राधिकरण सचिव श्री उमाशंकर अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर दक्षिण सुश्री सोनाक्षी सक्सेना (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्रीमति सोनाली दुबे, जिला अभियोजन अधिकारी श्री अजय जैन की उपस्थिति में किया गया।
पुलिस उप महानिरीक्षक जबलपुर रेंज, जबलपुर श्री तुषार कान्त विद्यार्थी (भा.पु.से.) ने अपने उद्बोधन में कहां कि प्रत्येक थाने में स्थापित महिला ऊर्जा हेल्प डेस्क के प्रभारियों को चाहिए कि जब भी कोई महिला शिकायत लेकर आती है तो उसे गंभीरता पूर्वक सुने और उसके युक्तियुक्त निराकरण के लिये सार्थक कदम उठाएॅ। परिवारों को बिखरने की बजाय परिवारों को जोड़ने के लिये काउंसिलिंग की बेहद आवश्यकता है और उसके लिये बड़े ही सहज, सरल और संवेदनशील तरीके से विवाहित महिला की समस्या को जानकर और किन बातों को लेकर यह स्थिति निर्मित हुई हैं पूरे परिवार को बुलाकर उन बातों को दूर करने का प्रयास होना चाहिए ताकि परिवार किसी भी तरह से उजड़ नही पाये और इसके साथ-साथ यदि यह मालूम हो रहा है कि उत्पीड़न की गंभीर समस्या है तो अन्य वैधानिक प्रावधानों का उपयोग करना चाहिए।
हमें एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है जिसमें हमको घरेलू हिंसा और महिला संबंधी उत्पीड़न के मामलों में पहल करके उस पर अंकुश लगाने और साथ ही परामर्श संवाद के माध्यम से बातों को सुलझाने का सशक्त प्रयास करना चाहिये।
जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री उमाशंकर अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में विधिक सलाह व पीड़ित प्रतिकर के संबंध में , जिला अभियोजन अधिकारी श्री अजय जैन द्वारा अपराधों के अनुसंधान, पीड़िताओं की समस्याओं को सुनने व उनके निराकरण करने के संबंध

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