*पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सम्पत उपाध्याय के निर्देश पर मान्नीय न्यायालयो में कार्यरत कोर्ट मोहर्रिर तथा संमस वारंट मददगार एवं चालान ड्यूटी आरक्षक की ली गयी बैठक, दिये गये आवश्यक दिशा निर्देश*
*👉 कहा आप सभी एक गियर के रूप मे मान्नीय न्यायालय एवं पुलिस के बीच सेतु का काम करते है जिस तरह एक डाक्टर के प्रोफेशन के लिये जरूरी होता है कि वह अपने आपको अपडेट रखे उसी तरह आपको भी अपने आपको अपडेट रखना होगा, पुलिस एवं न्याय प्रक्रिया को जोडने की आप है महत्वपूर्ण कड़ी*
*👉 मान्नीय न्यायालयों से प्राप्त समंस वारंटो को रजिस्टर में शत प्रतिशत चढाते हुये समय पर तामील करायें ताकि पीडित को न्याय मिल सके*
पुलिस कन्ट्रोलरूम में आज दिनॉक 1-12-2024 को दोपहर 1 बजे पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सम्पत उपाध्याय (भा.पु.से.) के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री सूर्यकांत शर्मा द्वारा मान्नीय न्यायालयों में कार्यरत कोर्ट मोहर्रिर तथा संमस वारंट मददगार एवं थानों के चालान ड्यूटी आरक्षक की बैठक ली गयी।
बैठक में कहा गया कि आप सभी एक गियर के रूप मे मान्नीय न्यायालय एवं पुलिस के बीच सेतु का काम करते है जिस तरह एक डाक्टर के प्रोफेशन के लिये जरूरी होता है कि वह अपने आपको अपडेट रखे उसी तरह आपको भी अपने आपको अपडेट रखना होगा, पुलिस एवं न्याय प्रक्रिया को जोडने की आप महत्वपूर्ण कड़ी है।
आपने सभी कोर्ट मोहर्रिर, संमस वारंट मददगार, चालान ड्यूटी आरक्षक से व्यवहारिक समस्याओ को सुना एवं कहा कि न्यायालीयीन कार्य में आप महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आपने कोर्ट मोहर्रिरो को समय पर संमंस वारंट जारी करने एवं जारी समंस वारंटो मंे सही नाम पता लेख करने हेतु आदेशित करते हुये कहा कि समंस वारंट सजकता से जारी करेंगे तो निश्चित ही संमस वारंट के तामीली के प्रतिशत में बढेातरी होगी, अक्सर अधूरे नाम पता के कारण संमस वारंट की तामीली मे दिक्कतें आती है, समंस वारंट जारी करते समय पूरा नाम पता , मोबाईल नम्बर आवश्यक रूप से लिखें, साथ ही जमानतदारों के नाम पता भी लिखें। प्रकरण के अंतिम निर्णय पश्चात् मान्नीय न्यायालय के द्वारा भेजी जाने वाली परिणाम पर्ची जिला अभियोजन अधिकारी के माध्यम से सम्बंधित थाने में उपलब्ध कराये।
मान्नीय उच्च न्यायालय एवं जिला सत्र न्यायालय से प्राप्त होने वाले समंस एवं वारंट को रजिस्टर में विधिवत चढाया जाकर थाना प्रभारी को अवगत कराते हुये समयावधि में तामील कराते हुये एक दिन पूर्व मान्नीय न्यायालय को भेजें इसमें किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिये।
इसके साथ ही आपके द्वारा सभी कोर्ट मोहर्रिर को निर्देशित किया गया कि मान्नीय न्यायालय में कानून व्यवस्था बनाये रखते हुये साक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।